��ाशिंगटन (अंग्रेज़ी: Washington) संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे उत्तर-पश्चीमीय राज्य है। इसके उत्तर में कनाडा, पूर्व में इडाहो और दक्षिण में औरिगन है। वाशिंगटन राज्य का निर्माण ओरिगन संधि के तहत १८४६ में ब्रिटेन द्वारा दिए गए क्षेत्र के पश्चिमी भाग में हुआ था। यह ४२वें राज्य के रूप में १८८९ में संघ में भर्ती कराया गया था। इसका नाम संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन के नाम पर रखा गया है।
वॉशिंगटन 18वां सबसे बड़ा अमेरिकी राज्य है। 2016 में इसकी जनसंख्या 72,88,000 अनुमानित की गई है। जिससे इसका इस मामले 25वां स्थान हुआ। ओलंपिया राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर सिएटल है। राज्य सबसे विकसित राज्यों में से एक है। वॉशिंगटन में विनिर्माण उद्योगों में विमान और मिसाइल, जहाज निर्माण और अन्य परिवहन उपकरण, लकड़ी, खाद्य प्रसंस्करण, धातु और धातु उत्पाद, रसायन और मशीनरी शामिल हैं।
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जानकारी
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��ूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है।
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है।
इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है।
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