स्वागत है Size-Explorer
आप पहले से ही किसी भी प्रस्तुति के लिए तैयार हो गए हैं, तो आप सभी के लिए प्रस्तुतीकरण के लिए तैयार हो सकते हैं।
तुम तैयार हो?
आपका पहले से ही खाता है? लॉग इन पर जाएं
एकांत
Aylesbury Vale | |
---|---|
England | |
United Kingdom | |
| |
0 |
Doha | |
---|---|
| |
0 |
दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (।ऽ।) टालते है, लेकिन इस की आवश्यकता नहीं है। 'बड़ा हुआ तो' पंक्ति का आरम्भ ज-गण से ही होता है।
सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात अन्त में लघु होता है।
उदाहरण-
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागैं अति दूर।।
मुरली वाले मोहना, मुरली नेक बजाय।
तेरी मुरली मन हरे, घर अँगना न सुहाय॥हेमचन्द्र के मतानुसार दोहा-छन्द के लक्षण हैं - समे द्वादश ओजे चतुर्दश दोहक:
समपाद के अन्तिम स्थान पर स्थित लघु वर्ण को हेमचन्द्र गुरु-वर्ण का मापन देता है.