��बरडीन (उच्चारित/æbərˈdiːn/ ( सुनें); स्कॉटलैंड का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर, स्कॉटलैंड के 32 स्थानीय सरकार परिषद क्षेत्रों में से एक और ब्रिटेन का 29वां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। इसकी आधिकारिक आबादी गणना है।इसके उपनामों में शामिल हैं ग्रेनाईट सिटी, ग्रे सिटी और सिल्वर सिटी विथ द गोल्डेन सैंड्स . मध्य 18वीं और मध्य 20वीं सदियों के दौरान, एबरडीन की इमारतों में स्थानीय रूप से उत्खनित ग्रे ग्रेनाइट का समावेश हुआ करता था, जिसके अभ्रक चांदी की तरह चमका करते हैं। शहर में एक लंबा रेतीला समुद्र तट है। 1970 के दशक में उत्तरी सागर तेल की खोज के बाद से, इसका एक अन्य उपनाम ऑयल कैपिटल ऑफ़ यूरोप या एनर्जी कैपिटल ऑफ़ यूरोप रखा गया।कम से कम 8000 साल पहले एबरडीन के आसपास के क्षेत्र बसने लगे, जब डी और डोन नदियों के मुहानों के आसपास प्रागैतिहासिक गांव स्थापित हुए।
1319 में, रॉबर्ट द ब्रूस द्वारा एबरडीन को राजकीय नगर का दर्जा प्राप्त होने से[कृपया उद्धरण जोड़ें] आर्थिक रूप से शहर पूरी तरह बदल गया। 1495 में स्थापित एबरडीन विश्वविद्यालय और 1992 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने वाले रॉबर्ट गोर्डन विश्वविद्यालय, शहर के इन दो विश्वविद्यालयों के कारण एबरडीन उत्तर-पूर्व का शैक्षणिक केंद्र बना। मछली पकड़ने, कागज़ बनाने, जहाज निर्माण और वस्त्र जैसे उद्योगों से तेल उद्योग तथा एबरडीन बंदरगाह आगे निकल गये। एबरडीन हेलीपोर्ट दुनिया के सबसे व्यस्ततम वाणिज्यिक हेलीपोर्ट में से एक है और वहां का बंदरगाह स्कॉटलैंड के उत्तर-पूर्व में सबसे बड़ा है।एबरडीन ने ब्रिटेन इन ब्लूम प्रतियोगिता में दस बार रिकार्ड-तोड़ जीत हासिल की है, और एबरडीन अंतर्राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया है, जो एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमे लगभग 1000 सबसे प्रतिभाशाली युवा प्रदर्शनकारी कला कंपनियां भाग लेती हैं।
स्रोत: Wikipedia
Sun
0
जानकारी
�
��ूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है।
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है।
इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है।
स्रोत: Wikipedia