Javascript must be enabled to use all features of this site and to avoid misfunctions
एंगुइला - इमारत आकार- इमारतों की तुलना करें
HOME
:
देशों
NEW

Advertising

Close
share

एंगुइला


एंगुइला arrow_drop_down
arrow_drop_down

एंगुइला

91km²
+
15423
169.5 / km²

जानकारी

सर्पमीन (Eel) दृढ़ास्थि मत्स्यों के ऐंपोडीज़ गण (order Apodes) के म्युरीनिडी कुल (family Muraenidae) की सर्पांकार मछलियाँ हैं जिनका जीवनचक्र बहुत अनोखा होता है। ये बामी कहलाती हैं। इनकी कई जातियाँ हैं जो हिंद महासागर, भूमध्य सागर, ऐटलैंटिक महासागर, प्रशांत महासागर तथा यूरोप के पश्चिमी भाग के समुद्रों में फैली हुई है। इनमें सबसे प्रसिद्ध ऐंग्विला ऐंग्विला (A. anguilla) मैक्सिको के पास बरम्यूडा सागर में अंडे देती हैं जिनमें से छोटे छोटे चपटे पारदर्शी बच्चे निकलते हैं ये अनगिनत बच्चे अंडे से बाहर आते ही पूर्व दिशा की ओर चल पड़ते हैं और समुद्र की ऊपरी सतह पर ही रहते हैं। तीन चार वर्षों तक बराबर चलकर, ये तीन हजार मील का सफर पूरा कर लेते हैं और तब इनका शरीर गोल और तीन इंच तक का हो जाता है। कुछ समय और बीतने पर इनका शरीर पतला और सूच्याकार हो जाता है। ये सिकुड़कर कुछ छोटे हो जाते हैं और उनकी आकृति बामी जैसी हो जाती है। इस परिवर्तन के बाद वे मीठे पानी के लिए आतुर हो उठते हैं और समुद्र से उनके झुंड के झुंड नदियों, झीलों और तालतलैयों में घुस जाते हैं, जहाँ नर १२ से २० इंच तक लंबे और मादा १४ से २६ इंच तक लंबी हो जाती हैं। इस प्रकार आठ नौ वर्षों का जीवन बिताने के बाद, सहसा उनमें फिर परिवर्तन होता है। उनका पूरा शरीर रूपहला हो जाता है, आँखें बड़ी हो जाती हैं और यूथन नुकीला हो जाता है। वे एकदम खाना पीना बंद करके, फिर समुद्र की ओर लौटकर पश्चिम की ओर लौट पड़ती हैं। इस प्रकार निरंतर चलकर, वे फिर अपने जन्मस्थान में पहुंच जाती हैं और वहीं अंडे देने के बाद उनकी मृत्यु हो जाती है। बामी देखने में साँप सी लगती हैं। इनका शरीर लंबा, सुफने मुलायम और शरीर चिकना रहता है। गलफड़ों की जगह इनके दोनों बगल शिगाफ-सी कटी रहती हैं और मुँह में तेज दाँत रहते हैं। पृष्ठीय पक्ष (dorsal Fin) और गुह्य पक्ष (anal Fin) लंबा और पुच्छपक्ष (candal Fin) छोटा रहता है। शरीर का ऊपरी भाग हरछौंह भूरा और बगल का पिलछौंह रहता है। बामी समुद्रों, नदियों, तालाबों तथा कीचड़ और दलदलों में रहती हैं। ये अक्सर दिन में अपने को कीचड़ में गाड़ लेती हैं और रात में भोजन के लिए इधर उधर फिरने लगती हैं। ये सर्वभक्षी मछलियाँ हैं, जिनकी कोई कोई जाति पाँच फुट तक लंबी होती है और वजन में १० सेर तक पहुंच जाती है।

स्रोत: Wikipedia