��ई दिल्ली (अंग्रेज़ी: New Delhi) भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करती है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्योंकि यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्ली ले जाने के लिए आदेश दे दिए।
वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या इसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार से भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है।
1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्धघाटन हुआ।
बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है।
स्रोत: Wikipedia
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जानकारी
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��द्रिद, स्पेन की राजधानी है। मद्रिद स्पेन के बड़े शहरो में से एक है। स्पेन की राजधानी होने की वजह से सभी सरकारी मुख्यालय, नेता तथा स्पेन के राजा का निवास स्थान भी यही स्थित है। आर्थिक दृष्टि से मद्रिद देश का मत्वपूर्ण तथा मुख्य व्यापारिक केंद्र है। दुनिया की कई बड़ी तथा महत्वपूर्ण संगठनो (कंपनीयो) के कार्यालय यहां स्थित हैं। इसके अतिरिक्त मद्रिद में दुनिया के जाने माने शिक्षण संसथान स्थापित है जैसे रियल अकैडेमिया एस्पानॉला (Real Academia Española)।
नाम
मद्रिद नाम के पीछे बहुत से कहानियां तथा सिद्धांत छुपे हुए है। मद्रिद की खोज ओच्नो बिअनोर ने की थी और इसे "Metragirta" (मेत्राग्रिता) या "Mantua Carpetana" (मंतुआ कार्पेताना) नाम दिया गया था। कई लोगो का विश्वास है कि इसका मूल नाम "उर्सरिया" था। किन्तु अब ये माना जाता है कि इस शहर नाम BC कि दूसरी शताब्दी से आया है। रोमन साम्राज्य ने मंज़नारेस नदी के तट पर बसने के बाद इसे मत्रिस नाम दिया था। सातवी शताब्दी में इस्लामिक ताकतों ने इबेरियन पेनिन्सुला पर विजय प्राप्त करने के बाद इसका नाम बदल कर मेरिट रख दिया था, जो कि अरबी भाषा के शब्द मायरा से लिया गया था।
इतिहास
इस शहर का मूल नवी शताब्दी से आया जब मोहम्मद-I ने एक छोटे से महल को बनाने का आदेश जारी किया। ये महल उसी जगह स्थित था जहा आज पलासियो रियल स्थित है।
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